लाल बत्ती छुटी,पर तामझाम न छुटा 

देश के लोकतंत्र को मजबूत और लोकाभिमुख होने के लिए वी आय पी ( अति विशिष्ट व्यक्ति ) का तामझाम ख़त्म होना जरुरी था। इस पर कई साल सार्वजनिक बहस होती रही ,इसी बहस पर कोर्ट मोहर लगी। यह घटना कांग्रेस के शासन पर्व में घटी। मज़बूरी में क्यू न हो भाजपा सरकार ने इसे तीन साल बाद क्यू न हो अमल में लेन की ठानी। 

देश के प्रधानमंत्रीने घोषणा की और उस पर अमल शुरू हुवा। जब के इस घोषणा को सार्वजनिक होने में अभी कुछ दिन बाकी है।  पर इसका स्वागत किया गया है। आम जनता और भाजपा के मन्त्रियोने एक एक करके आपने वाहनोंसे लाल बत्ती हटादि। और सभी यह समझने और जताने में जुटे के लोकतान्त्रिक समानता के लिए हमने यह लाल बत्ती हटा दी। 
तो दूसरी और ऐसे भी लोग है ,जिन्हे इस लाल बत्तीसे बेहद लगाव है। उनके लिए यह निर्णय बहोत ही दुखदायी है। पर मज़बूरी है के इसे हटाना पड़ेगा। क्यू के यह फैसला जनता को मोह चूका है। इस से कई सारे लोगो को हम जनता के नुमाइन्दे होने का अहसास होने लगेगा। कुछ हदतक मगरूरी कम होगी। अब इन सभी की सरकारी वहानोंपर जनता के सेवा में राष्ट्र के नाम समर्पित और जनता के विश्वस्त  या तो जनता के हितेषी लिखा जाये तो सोने पे सुहागा साबित होगा।                                   
 ।। वन्दे मातरम।। 

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